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Sunday, 16 October 2022

झगड़ा और रगड़ा

जब साथ साथ रहना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।
जब साथ नहीं रहना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।

कुछ नहीं लेना देना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।
खुद खाना खुद पीना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।

अगर फिर भी झगड़ा है,
झगड़ा नहीं ये रगड़ा है।
बात बिल्कुल है पक्का,
दीमाग सनका तगड़ा है।

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