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राष्ट्रवाद के पग चलना है,
राष्ट्र सशक्त हमें करना है।
बनेगा अपना राष्ट्र सशक्त,
हमें ऐसे ही कर्म करना है।
नहीं चापलुसी हमें करना,
नहीं राजनीति हमें करना।
राष्ट्रवाद मेरी प्राथमिकता,
इसी से प्रीति हमें करना।
राष्ट्रवाद के लिए समर्पण,
तनमन उनके लिए अर्पण।
सुख शांति अमन चैन का,
सुन्दर यही सबसे दर्पण।
राष्ट्र धर्म का ज्ञान नहीं है,
इंसान नहीं शैतान वही है।
उसे परखना दूर करोना,
जयचंद बड़े जान वही हैं।
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✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"
#हृदयवंदन
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