मदद....
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जिस से ईश्वर चाहेगा,
मदद वही कर पाएगा।
लाख होंगे चाहने वाले,
कोई कर नहीं पाएगा।
जिसका नहीं कोई होता,
सोचो जरा कौन करता।
करता है पालन सबका,
इंसा रूप में रब करता।
काम सबका सब होता,
समय चक्र पूरा करता।
चिन्ता छोड़ें कैसे होगा,
रब ने भी सोचा रखता।
कौन कहता ईश्वर नहीं,
हममें तुम में सब में वही।
वही सभी को संभाला है,
नादान मन देखता नहीं।
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✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"
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