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Friday, 28 May 2021

दोहा (हंसी के)

दोहा (हंसी के)
🍁😂
लाकडाउन  क्या भयी, खतम स्व रोजगार।
लक्ष्मी  घर  आगम नही, बढ़ा  घरेलू  भार।।

झाडू  पोछा ठीक रहे, चौका बासन बढ़ाय।
इनसे जो फुर्सत मिले, तब सिर पैर दबाय।।

परम  सुख जिसमें मिले, होत बहुत खराब।
जहाँ तहाँ खुजली करे, भूले शर्म लिहाज।।

दाद खाज और खुजली, चर्म रोग की जात।
रगड़े सुख मिले अपार, बाद गजब भभात।।

हर  बात में रूदन करे, खोपड़ी ढ़िली जान।
विचार करें धीरज धरें, काम होत आसान।।
🍁🍁
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"

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