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Saturday, 1 August 2020

जागो विद्वान साथियों जागो..


जागो विद्वान साथियों जागो..
♨♨
बेड़ागर्क हो रहा आज देश का!
पढ़ा लिखा विद्वान ख़ामोश देश का।
बेवकूफ अज्ञानी ज्ञान बाट रहा!
विद्वान ज्ञानी सल्यूट मार रहा।
शिक्षा और ज्ञान का मतलब यही,
ज्ञानी बेवकूफों का दरबार सजाए।
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खामोशी ही बन रहा संताप देश का!
वजह यही गिरा रहा स्तर देश का।
खामोश होकर गद्दारों की मंशा को
उनके पनपने तुम बिलकुल न देना।
रोको बोध कराओ देश के मान का!
अज्ञानता में अंधे पैर काट रहे अपना।
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भेड़ियों का बढ़ता झुण्ड शेर भी मार जाएगा!
चलो उठो अलख जागाओ भूल सुधारो!
दायित्व समझो कर्तव्यों का अहसास करो!
आगे बढ़ो सामना करो जिम्मेदारी देश का!
सशक्त बने यह देश अपना दायित्व संभालो!
अपनी शक्ति अपना ताकत एकजुटता जानो।
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विनम्र आह्वान साथियों से है यही:-
☛लिख सकते हो तो लिखो!
☛पढ़ सकते हो तो पढ़ो!
☛बोल सकते हो तो बोलो!
☛समर्थन कर सकते हो तो करो!
☛जो कर सकते हो करो ख़ामोश न बैठो।
☛संकोच न करो निडर बनो!
☛निडरता की शक्ति व महत्व को समझो।
--
अपनी निडरता! अपनी तत्परता से
देश होगा खुशहाल! देश बनेगा महान!
जागो विद्वान साथियों अब तो जागो!
देश अपना है! कमान संभालो! जागो।
जय हिन्द! जय भारत! वंदेमातरम।
♨♨
✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)

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