जीवन की सच्चाई!
♨♨
जीवन की सच्चाई
कभी याद न आयी
अकेला ही आया
जाएगा अकेला।
जीवन मरण बस
यही सिलसिला है
जनम मिल गया है
मरण है बाकी।
~~
जनम से मरण के
समय अंतराल में
कर्तव्य दायित्व
जिम्मेदारी निभाना।
अन्तिम पड़ाव के
राही सभी हैं।
कोई कम तो कोई
संग ज्यादा चलेगा।
~~
विपदा जब आया
जीवन पर छाया
सच्चाई जीवन का
तभी याद आया।
असल में जीवन का
यही लेखा जोखा
मंजर खुशी का
आशियां खुशी का।
~~
तुम्हें याद न आयी
हमें याद न आयी
आया कोरोना तब
नानी याद आयी।
~~
जीवन की सच्चाई
तभी याद आई।
♨♨✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"
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