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Tuesday, 7 July 2020

जीवन की सच्चाई

जीवन की सच्चाई!
♨♨
जीवन  की सच्चाई
कभी याद न आयी
अकेला   ही  आया
जाएगा     अकेला।

जीवन   मरण  बस
यही  सिलसिला  है
जनम  मिल गया है 
मरण    है   बाकी।
~~
जनम से   मरण के
समय   अंतराल  में
कर्तव्य      दायित्व
जिम्मेदारी निभाना।

अन्तिम  पड़ाव  के
राही    सभी     हैं।
कोई  कम तो कोई
संग ज्यादा चलेगा।
~~
विपदा  जब  आया
जीवन   पर   छाया
सच्चाई  जीवन का
तभी   याद   आया।

असल में जीवन का
यही   लेखा  जोखा
मंजर    खुशी    का
आशियां  खुशी का।
~~
तुम्हें  याद  न आयी
हमें  याद  न  आयी
आया  कोरोना  तब
नानी   याद  आयी।
~~
जीवन  की  सच्चाई
तभी    याद    आई।
♨♨
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"

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