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Monday, 6 July 2020

प्यार का वजूद नहीं..(गीत)

~~ गीत ~~
♨♨
तेरी नफ़रत से यही सीख मिली!
प्यार का अपने कोई वजूद नहीं।

जिन्दगी में हम प्यार से ही मिले!
प्यार से ही  दुनियां  को सजाये।

साथ  रहने  की थी कसमें खाई!
कसमें तोड़ी है वादें भी भुला दी।

अपने प्यार पर  गुरूर करते थे!
तुमने प्यार की वजूद मिटा दी।

तेरी नफ़रत से यही सीख मिली!
प्यार का अपने कोई वजूद नहीं।

उन लम्हों की  क्यूँ  याद न आई!
तकरार  में  भी  प्यार  देखी थी।

क्यूँ  नफ़रत पर  विश्वास जमाई!
प्यार मोहब्बत तुम बिसराई हो।

प्यार ही  ईश्वर  प्यार  ईबादत है!
नफ़रत को  क्यूँ  गले  लगाई हो।

तेरी नफ़रत से यही सीख मिली!
प्यार का अपने कोई वजूद नहीं।
♨♨
कविता का भाव:-
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव(हृदय वंदन)


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