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Tuesday, 28 July 2020

काल करे सो आज कर....

काल करे सो आज कर....
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☛अगर कोई इंसान के द्वारा घर, परिवार या समाज के लिए सार्थक व सकारात्मक कार्य के श्री गणेश करने का प्रयोजन हो तो सभी को एक राय व एक मत से कार्य को मूर्त रूप देने के लिए एक साथ सकारात्मक रूख़ अख़्तियार करते हुए बिना किसी किन्तु परन्तु के निश्चित अवधि में शीघ्रताशीघ्र शुरूवात कर देना चाहिए।
☛घर, परिवार या समाज के कार्य आरम्भ के पूर्व कार्य की सार्थकता के बावजूद अकारण ही किसी सदस्य द्वारा किन्तु परन्तु लगाना या टाल मटोल करना कार्य की सफलता व असफलता पर विचार करने लग जाना कार्य से जुड़े क्रियाशील व्यक्तित्व के मन की स्थिति पर जाने अंजाने प्रभाव डालती है जिससे कार्य के श्री गणेश के समय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है परिणामस्वरूप कार्य के प्रति जो उत्साह व उत्सुकता होती है वह थोड़ी ढ़िली पड़ने लग जाती है तब आप महसूस करेंगे की कार्य में देरी हुई और आगे चलकर इसका ख़ामियाजा भी भुगतना पड़ता है। तब यह अहसास होता कि कास उस वक कार्य का आरम्भ हो गया होता। तब इंसान के पास सिर्फ अफसोस के अलावा हाथ कुछ नहीं लगता।
☛आजकल के युवा हर बात हर काम को बहुत हल्के लेते हैं कार्य के शुरूआत के उपरान्त कुछ ऐसी समस्या उत्पन्न होती है जिसके बारे आपने तमाम अध्ययन के बावजूद कार्य योजित करने के दरमयान भी दिमाग में नहीं आती है और न ही सोचा रहता। इस प्रकार कार्य के निष्पादन में अचानक आई समस्या कार्य के समयावधि को बढ़ा देती जिस कारण इंसान उससे होने वाली क्षति और कार्य निष्पादन का समय कम होने के कारण कभी कभी इंसान को विवशता व मजबुरी में अपने कार्य/प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ जाता है जिस वजह से उसे काफी मानसिक व आर्थिक क्षति उठानी पड़ जाती है।
☛तब इंसान को यह ज्ञान होता है कि घर परिवार व समाज या जीवन से जुड़ी तमाम कार्य जो हमें ही करना और करना अवश्यंभावी है तो उससे दूरी न बनाते हुए टाल मटोल की आदत को नकारते हुए समय रहते उसमें लग जाना चाहिए। जीवन में कभी कल नहीं खतम होता हर एक दिन के बाद कल आ खड़ा होता है। इसलिए आज का आज कर लेना लाभप्रद होता। समय से किया गया हर कार्य हमेशा सुखदायी व फलदायी होता है।
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कबीर जी की अमृत वाणी:- 
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। 
पल  में  प्रलय होएगी,  बहुरि  करेगा  कब ॥
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अर्थ :- कबीर दास जी समय की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि जो कल करना है उसे आज करो और और जो आज करना है उसे अभी करो , कुछ ही समय में जीवन ख़त्म हो जायेगा फिर तुम क्या कर पाओगे !!
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अब  पछताए  क्या होत है,
जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।
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✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)




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