जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
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जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
ज्ञान दे दो परवाह नहीं
जान दे दो परवाह नहीं
ईमान दे दो परवाह नहीं
कुर्बानी दे दो परवाह नहीं
जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
अराम चाहिए काम नहीं
सब हो पर मेहनत नहीं
बेकार रहलें दुख नहीं
सकारात्मक मन नहीं
जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
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जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
काम न करने पर दुख
काम करने पर दुख
कुछ अच्छा तो दुख
कुछ बुरा तो दुखे दुख
जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
कुछ दे दिया इसका दुख
कुछ न दिया दुखे दुख
कुछ सोच लिया दुख
न सोचा तो दुखे दुख
जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
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जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
गजब इनकी अभिलाषा
पार कोई नहीं पाएगा
बने में माथे पर साधे
न बने तो धरती पटके
जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
इनके फेर में नहीं आना
विवेक खूद अपनाना
संतुष्ट होना मुश्किल है
कर्म सदा नित करना है
जगत श्रेष्ठ प्राणी हैं साहब
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✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)
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