हिन्दू कब जगेगा.....
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कब जगेगा कैसे समझेगा हिन्दू,
खंड खंड में बटा जब हिन्दू।
राजनीति पार्टी बीजेपी कांग्रेस,
सपा बसपा में उलझा हिन्दू।
गर्व से बोलते अपने हिन्दू भाई,
हर कौम के आपस में हैं भाई।
अपने में क्या हिन्दू भाई एक है,
क्या मंसूबे देश हित में नेक है।
अपने हित फायदे में चुप है,
चाहे कटे मरे दिमाग कुंद है।
संगठन की ताकत नहीं समझे,
बस अपने सुख चैन में खुश है।
सशक्त राष्ट्र बुरी नजर नहीं लगते,
डर भय से आतताई दूर रहते।
शक्तिशाली देश बनना जरूरी,
युद्ध के लिए हो यह नहीं जरूरी।
परखिए एकजुटता की ताकत,
रहे सुख शांति मचे न आफत।
अराजक तत्व चुपचाप ही रहते,
खुराफात का करे न हिमाकत।
सशक्तता में अनुशासन होता,
अपराध अत्याचार नहीं होता।
आतंकी मानसिकता जिस मन,
रहे खौफ में स्वछंद नहीं होता।
इतिहास साक्षी चंद लूटरे आये,
तोड़ हिन्दुत्व साम्राज्य बनाये।
लड़वाया और कटवाया हिन्दू,
गद्दार हिन्दू ही शस्त्र उठाये।
क्या हिन्दू जन एक हो सकेगा,
या अपने हाथों गला घोंटेगा।
नहीं एकजुट नहीं एकमत है,
राजनीति पार्टी में जड़ खोदेगा।
वोट की स्वार्थ थी गद्दारों की,
पाँच सौ बरिस राजनीति की।
राम सनातनी देश के प्रतिक,
बड़ी कुर्बानी दिया अपनों की।
अब तो जागो अब तो जागो,
मिला है कोई साथ निभाओ।
होगा अपना सुखी हर कौम,
सुख समृद्धि देश में पाओ।
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✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"
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