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Wednesday, 6 September 2023

फिर नहीं वक्त आएगा...

बस इतना   ही  काफी होगा।
शत्रु सुलग  कर  राखी होगा।।
अलख तो उसने जगा दिया है।
अपना ही कार्य  बाकी होगा।।

महंगाई पर  शोर मचाने वाले।
जाति विशेष  पर  रोने  वाले।।
एकजुट अब  होना ही बेहतर।
ऐसे  वक्त्त  नहीं  आने  वाले।।

अपना जीवन एक दो दिन का।
जाना निश्चित हर एक तन का।।
लोभ  लालसा  स्वार्थी प्रवृत्ति ।
देेशहित से मन विमुख इनका।।

बस  इतना  ही  काफी  होगा।
शत्रु सुलग  कर  राखी होगा।।
अलख तो उसने जगा दिया है।
अपना ही कार्य  बाकी होगा।।
                "धीर"
🙏🌹हर हर महादेव शिव शम्भू🌹🙏

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