जिस पर मेरा प्रयास...!!
शाम का मिजाज...
😍
मौसम भी आज मौका भी है,
फुर्सत में आज लम्हा भी है।
चलो मस्ती में हम खो जाएं,
दो गिलास एक खम्भा भी है।
सांझ ढ़ले देख मित्र भी आया,
काजू बादाम चखना ले आया।
ऐसे तो मौज कहां जीवन में,
अपना मस्ताना शाम बनाया।
दूर कहीं नहीं और बैैठना है,
जान पहचान से दूर रहना है।
मस्ती में कहीं रोड़ा नहीं आए,
इसका ख्याल पहले करना है।
"धीर"
खम्भा= शराब की बोतल।
रोड़ा = पत्नी।
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