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Wednesday, 6 September 2023

ससुराल मायका बहू बेटी...

ससुराल मायका बहू बेटी...
🍁🍁  
ससुराल मायका बहू बेटी!
दोनों जहान आबाद करती।
मायके से ट्यूशन गर लिया,
दुखों का जाल बिछा लेती।

जहां कभी खुशहाली होती!
वहां जभी खींचातानी होती।
घर का माहौल बिगड़ जाता,
बस नासमझी नादानी होती।

बेटा, बेटा न रहा बट जाता!
अग्नि का जो फेरा हो जाता।
बन जाता पेंडुलम के सरीखा,
दोनों अलंग से बज जाता।

जीवन स्वस्थ्य सुखी के होते,
संस्कार समझदारी के होते।
बुद्धि विवेक से गर रहते तो,
दोनों जहान खुशियों के होते।
               "धीर"
#हृदयवंदन

शाम का मिजाज...

"संगताना दो मित्र का उनके बीच बातचीत का"
जिस पर मेरा प्रयास...!!
शाम का मिजाज...
😍
मौसम भी आज मौका भी है,
फुर्सत में आज लम्हा भी है।
चलो मस्ती में हम खो जाएं,
दो गिलास एक खम्भा भी है।

सांझ ढ़ले देख मित्र भी आया, 
काजू बादाम चखना ले आया।
ऐसे तो मौज कहां जीवन में,
अपना मस्ताना शाम बनाया।

दूर कहीं नहीं और बैैठना है,
जान पहचान से दूर रहना है।
मस्ती में कहीं रोड़ा नहीं आए,
इसका ख्याल पहले करना है।
"धीर"
खम्भा= शराब की बोतल।
रोड़ा = पत्नी।

फिर नहीं वक्त आएगा...

बस इतना   ही  काफी होगा।
शत्रु सुलग  कर  राखी होगा।।
अलख तो उसने जगा दिया है।
अपना ही कार्य  बाकी होगा।।

महंगाई पर  शोर मचाने वाले।
जाति विशेष  पर  रोने  वाले।।
एकजुट अब  होना ही बेहतर।
ऐसे  वक्त्त  नहीं  आने  वाले।।

अपना जीवन एक दो दिन का।
जाना निश्चित हर एक तन का।।
लोभ  लालसा  स्वार्थी प्रवृत्ति ।
देेशहित से मन विमुख इनका।।

बस  इतना  ही  काफी  होगा।
शत्रु सुलग  कर  राखी होगा।।
अलख तो उसने जगा दिया है।
अपना ही कार्य  बाकी होगा।।
                "धीर"
🙏🌹हर हर महादेव शिव शम्भू🌹🙏

ससुराल मायका बहू बेटी...

ससुराल मायका बहू बेटी... 🍁🍁   ससुराल मायका बहू बेटी! दोनों जहान आबाद करती। मायके से ट्यूशन गर लिया, दुखों का जाल बिछा लेती। जहां कभ...