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Wednesday, 26 May 2021

कोरोना खिन्न मन...

कोरोना खिन्न मन.....
🍁🍁
आजिज हूँ  शिकवा गिला।
तड़पा रहे  तुझे क्या मिला।
अज़ीज़  थे प्यारे वो अपने।
प्राण छिन तुझे क्या मिला।

मन  दुखी  गम  का सिला।
तोड़  मन  तुझे क्या मिला।
है सत्य  अन्त जिन्दगी पर।
बेवक्त गए तुझे क्या मिला।

बेरहम मौत का सिलसिला।
बता  सही तुझे  क्या मिला।
अमीर मन था  वो साथ था।
निर्धन  कर तुझे क्या मिला।
🙄😯
✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"

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