जीवन का वायरस....
🦀🦀
कमियों को वायरस समझना,
अपने मन मस्तिष्क न रखना।
खुशियों का दुश्मन यह होता,
जीवन को बर्बाद नहीं करना।
अपने मन मस्तिष्क न रखना।
खुशियों का दुश्मन यह होता,
जीवन को बर्बाद नहीं करना।
मन अपना एक्टिव रखना,
एन्टी वायरस इसे समझना।
मन स्वस्थ तो पंगू वायरस,
मन कमजोर अपने न करना।
कमियाँ चाहे जिस किसी की,
हमेशा याद नहीं करने की।
🦀🦀
✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"
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