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Wednesday, 7 October 2020

मन की दशा....

मन की दशा....
🍁🍁
गलत सोच कर दुखी हो जाते,
सही  सोच में  हर्ज ही क्या है।

जो  दुख जीवन आये न आये;
उसे सोच के दिल क्यूँ दुखाये।

दुखी  मन  कर  दुख  में जीना,
अपने सुख को बाधित करना।

मन की  दशा  मक्खी के जैसी,
गंदगी  पर  ही  अटकी  रहती।

गलत  सोच   गलत  ही  करती,
बद् दिमाग  जीवन को डसती।

🍁🍁
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)

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