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Sunday, 20 September 2020

कद से ही मान...

कद का मान...
🍁🍁
शब्दों  का सम्मान कहाँ,
कद  से ही है मान यहाँ।

ख़ामोशी  वहीं पर रहती,
रहते   हैं  विद्वान  जहाँ।

छोटा बड़ा का भेद भाव,
मन  से नहीं जाने वाला।

विद्वता  में  ऐसा  क्यों  है,
परे समझ से बिलकुल है।

शाश्वत सत्य यह होता है,
दीपक तले अंधेरा होता।
🍁🍁
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)





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