ग़ज़ल
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जिस बात पर विश्वास न हो।
जोर देने से फिर क्या फायदा।।
तोड़ कर दिल तुम बैठे हो।
जोड़ने से मेरे क्या फायदा।।
कायदा जीवन का सही न हो।
असूल बनाने से क्या फायदा।।
ता उम्र ताल्लुक कोई न हो।
बेचैन होने से क्या फायदा।।
जिस बात पर विश्वास न हो।
जोर देने से फिर क्या फायदा।।
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✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)
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