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Wednesday, 26 August 2020

कटुता की न सोचो...


कटुता की न सोचो...
🍁🍁
जीवन में कटुता की न सोचो,
इसका   नहीं   भरोसा   यार।
दो पल की खुशियों में जी लो,
मन  से  रार  बिसरा  के यार।

खुशी खुशी  जीवन  जीने  से,
कर्म   साकार  खूद  के  होते।
तेरा  मेरा   कुछ  नहीं  अपना,
जीवन बस  एक  रैन  बसेरा।

जब तक  सासों का चलना है,
तब तक  इंसा  दंभ  भरता है।
काल कवलित सब  हो जाता,
अमरता अपना कर्म दिलाता।

कर्म  प्रेम  से   तु  करता  चल,
प्रेम  की  धारा तु  बनता चल।
पाप  पूण्य  का  ध्यान रखना,
स्वार्थ सिद्धि में  लगे न रहना।

दौलत की  लालसा में  जीना,
तिनका  एक  साथ  न जाना।

जीवन में कटुता की न सोचो,
इसका   नहीं   भरोसा   यार।
दो पल की खुशियों में जी लो,
मन  से  रार  बिसरा  के यार।
🍁🍁
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)

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