अमित शाह जी पर एक नजर:-
☆ वर्तमान में अमित शाह जी विशाल लोकतंत्र भारत के गृह मंत्री हैं। गाँधी नगर गुजरात के सांसद। गृह मंत्री का कार्यभार 30 मई सन् 2019 ई0 को हासिल किया है। आप को राजनीति में बीजेपी का मास्टर माइंड और मोदी का दाहिना हाथ कहा जाता हैं। इन्हें बीजेपी का चाणक्य भी कहा जाता है। भारतीय इतिहास में पिछले 10 सालों में केवल केंद्र की राजनीति में ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में बीजेपी का सकारात्मक प्रभाव अमित शाह की कूटनीति, चाणक्य नीति व सुझबूझ से बीजेपी बहुत ही मजबूत स्थिति में उभरी है। जो राष्ट्रहित में नित नये नामुमकिन आयाम स्थापित किए हैं और करते चले आ रहे हैं।
☆ अमित शाह जी का जन्म 22 अक्टूबर सन् 1964 ई0 को शहर मुम्बई में हुआ था।
☆ पेशा राजनीतिज्ञ के रूप में है आपको व्यापार का भी अनुभव रहा है।
☆आपने बायोकेमिस्ट्री में बीएससी स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है।
☆आप हिन्दू धर्म के गुजराती बनिया हैं।
☆आपके पिता श्री अनिल चन्द्र शाह।
☆आपकी माता श्रीमती कुसुम बेन।
☆आपकी धर्म पत्नी श्रीमती सोनल शाह।
☆आपके पुत्र जय शाह।
☆बहन आरती शाह।
☆पुत्र वधु श्रीमती ऋषिता शाह हैं।
☆आपकी वेबसाईट:- http://www.amitshah.co.in
☆आपका ट्विटर:- https://twitter.com/amitshah?lang=en
☆ अमित शाह जी का जन्म बहुत ही संपन्न व अमीर परिवार में हुआ था। आपके पूर्वज नगर सेठ हुआ करते थे। हालांकि उनके पिता अनिलचंद्र शाह भी पीवीसी पाइप का बिजनेस करते थे। परिवार सम्पन्न होने के बावजूद अमित शाह का जीवन बहुत ही सरल व सादा जीवन जीने आदत परिवार वालों ने बनाई थी। सुविधाओं के बावजूद पैदल ही विद्यालय जाया करते थे जबकि बहन बग्गी से जाती थी।
☆आप को इतिहास को जानने और समझने की रूचि थी। महात्मा गाँधी के राजनीतिक विचार और भागवत पुराण ने उनके विचारों को बहुत प्रभावित किया। आपकी की माँ भी एक गांधीवादी विचारधारा की महिला थी।
☆आपकी परवरिश गुजरात में हुई थी। इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा मेहसाना के स्कूल से ली, फिर अहमदबाद के सीयू शाह साइंस कॉलेज से बायो केमिस्ट्री में स्नातक की।
☆आप 14 वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में एक तरुण स्वयम सेवक बन गये थे और यही से उन्हें देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। कॉलेज के दिनों में बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के लिए काम करने के बाद सन् 1984-85 ई0 में ही उन्होंने ऑफिशियली बीजेपी की सदस्यता ले लिए।
☆अमित शाह एक कुटनीतिज्ञ होने के साथ ही कुशल प्रबंधक भी हैं। आप अपनी विचारधारा को सर्वोपरी मानते हैं साथ ही कार्यकर्ता का सम्मान और कार्यालय का रख-रखाव वो बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। आपने संगठन का कौशल कुशुभाई ठाकरे से सिखा था। जिनके साथ उन्होंने कई सालो तक काम भी किया था। जब श्नी नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के आर्गेनाईजेशन सेक्रेटरी थे तब उन्होंने अपना राजनैतिक करियर एक आम बूथ वर्कर से शुरू किया था। ये वो समय था जब उन्होंने बीजेपी के भविष्य के लिए एक मजबूत जनाधार तैयार किया था और इसी दौरान कर्मठ कार्यकर्ताओं होने का महत्व समझ आई।
अमित शाह का राजनीतिक सफर:-
☆अमित जी और नरेंद्र भाई मोदी जी पहली बार मुलाकात सन् 1982 में हुआ था। आप सन् 1982 ई0 में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सेक्रेटरी बन गए। 1987 तक अमित शाह बीजेपी के यूथ विंग भारतीय युवा मोर्चा से जुड़े तथा साथ अनेक पदों पर रह कर दायित्वों को बखुबी निभाया। आप सन् 1991 ई0 में राम जन्मभूमि आन्दोलन में गुजरात में एक बड़ा जनाधार तैयार किया और बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी, जिन्होंने गुजरात के गांधी नगर के जनरल इलेक्शन में चुनाव लड़ा था उनके लिए केम्पेन भी किया। तब से इन्हें बीजेपी के चुनावों को सम्भालने की जिम्मेदारी मिल गयी और उन्होंने एलके आडवानी के साथ मिलकर यह काम सन् 2009 ई0 तक किया।
☆ आप गुजरात स्टेट फाईनेंशियल कारपोरेशन का चेयरमेन बने। सन् 1997 ई0 में मोदी ने शाह को बीजेपी से टिकट दिलाने के लिए खूब प्रयास किये और वो सफल भी रहे। शाह फरवरी सन् 1997 ई0 में एमएलए बन गए और सन् 1998 ई0 के विधान सभा चुनावों में भी उन्होंने अपनी सीट बनाये रखी। दो सालों में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने अपने सुझबूझ और परिश्रम के दम पर सभी विरोधियों को एक तरफ करते हुए बीजेपी का जनाधार बढ़ाया।
☆ अमित शाह को 2000 मे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक का प्रेजिडेंट बनाया गया। 36 करोड़ के घाटे में चलने वाले बैंक को आप अपने कुशल नेतृत्व से 27 करोड़ का फायदा कराए। नरेन्द्र मोदी जी के 12 साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही अमित शाह एक शक्तिशाली नेता बनकर उभरे। सन् 2002 ई0 में हुए गुजरात के विधान सभा चुनाव में सरखेज से उन्होंने 1,60,000 वोट के साथ जीत दर्ज करवाई और आप सबसे युवा मंत्री रहें। सन् 2007 ई0 के विधान सभा चुनाव में फिर से सरखेज से ही उन्होंने जीत हासिल की।
अमित शाह से जुड़े बड़े विवाद:-
☆ फेक एनकाउंटर केस – अमित शाह सोहाबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के मर्डर केस में फंसे थे। सीबीआई के अनुसार राजस्थान के दो व्यापारियों ने अमित शाह को पैसे दिए थे जिससे वो सोहाबुद्दीन को ठिकाने लगा सके क्युकी वो उन व्यापारियों को परेशान कर रहा था। केस रिपोर्ट के अनुसार ये मर्डर प्लानड था जिसमें अमित शाह, डीआईजी डीजी वंजारा और एसपी राजकुमार पांडिया भी शामिल थे। लेकिन अमित शाह ने इन आरोपों को मानने से इंकार कर दिया था और इसे कांग्रेस की साजिश बताई थी। अमित शाह को 2002 में हुए गुजरात दंगों में सबूतों को प्रभावित करने के भी आरोप लगे थे। और इशरत जहाँ के एनकाउंटर केस से सम्बन्धित महिला पर गैर क़ानूनी जासूसी करवाने के भी आरोप लगे। अमित शाह की गिरफ्तारी और रिहाई सोहाबुद्दीन फेक एनकाउंटर केस में ही इन्हें को 25 जुलाई 2010 के दिन हिरासत में लिया गया था। इस कारण वो सीएम की पोस्ट के लिए दावेदारी नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए अर्जी भी दी जिस पर सीबीआई ने कहा की वो इन्वेस्टीगेशन को प्रभावित कर सकते हैं। अक्टूबर 2010 में शाह को जमानत मिली लेकिन उन्हें गुजरात से निष्कासित कर दिया गया। 2 साल बाद शाह को गुजरात आने की अनुमति मिली। इस कारण ही अमित शाह 2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार बन सके और उन्होंने नारणपूरा क्षेत्र से जीत भी दर्ज करवाई।
☆अमित शाह के ख्यातिलब्ध राजनेता होने के कारण स्वाभाविक हैं कि उनके साथ कई विवाद जुड़ चुके हैं और अभी भी कई विवादों का वो हिस्सा हैं।
☆ अमित शाह ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। साल 2010 में फर्जी एनकाउंटर के मामले में अमित शाह का नाम आया. इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इसके बाद 2015 में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने इस एनकाउंटर केस में शाह को बरी कर दिया। उनकी क्षमता को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनको राष्ट्रीय महासचिव बनाकर 80 सांसदों वाले उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया। जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने अपने आप को इस काम में झोंक दिया यही वजह रही कि इस चुनाव में भाजपा ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
☆ केंद में मोदी सरकार बनने के बाद से अमित शाह के पुत्र जय शाह ने भी अपने बिजनेस में काफी तरक्की की। रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज द्वारा ज़ारी गयी बैलेंस शीट और एनुअल रिपोर्ट के अनुसार शाह के टेम्पल एन्टरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने 2013 और 2014 में बहुत कम मुनाफा हासिल किया, जबकि 6,230 और 1,724 रूपये का घाटा हुआ। जबकि 2014-15 में 18,728 रूपये का प्रॉफिट देखा गया और 1015-16 तक5 करोड़ तक मुनाफा बढ़ गया। जो कि विवाद का विषय बना।
☆ पार्टी ने शाह की मेहनत को सम्मान दिया और जुलाई 2014 में अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। शाह जी पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष रहे हैं। 24 जनवरी 2016 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्हें दोबारा से चुना गया और वो वर्तमान में भी इस पद पर रहे हैं। दूसरी बार 2019 में जब मोदी सरकार लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र की सत्ता में आयी, तो अमित शाह को केंद्रीय गृहमंत्री का पदभार दिया गया। यहां भी शाह ने एक कमाल किया और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया जो ऐतिहासिक कदम था।
अमित शाह जी से जुडी रोचक बातें :-
☆ अमित छोटी दूरी की यात्राएं हेलिकॉप्टर की जगह रोड से करना पसंद करते हैं।
☆ वो सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरना पसंद करते हैं।
शाह जी एक शुद्ध शाकाहारी राजनेता हैं।
☆ मोदी सरकार के लोकप्रिय कार्यक्रम “चाय पर चर्चा” की रूपरेखा तैयार करने में भी शाह का योगदान रहा हैं।
☆ वैसे ये विख्यात हैं कि शाह ने बूथ कार्यकर्ता से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी एक बड़ी टीम बना राखी हैं।
☆ जबकि सच्चाई इससे थोड़ी अलग हैं, वास्तव में अमित शाह के टीम में कोई फिक्स सदस्य नहीं हैं वो हर काम के लिए अलग-अलग लोगों पर निर्भर हैं। एक व्यक्ति उनका ट्रैक रिकॉर्ड रखता हैं।
☆अमित शाह पिछले 3 सालों में हर दिन औसत 525 किलोमीटर की यात्रा की।
☆ आप ने योजनाबद्ध तरीके से सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को कवर किया हैं ।
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✒.......धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)
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