हे तात!
तुम जब घंटी थाली बजवाते हो!
उनका जाने क्या बजता है?
😍
हे तात!
तुम जब दीप जलवाते हो!
उनका जाने क्या जलता है?
🐭
हे तात!
तुम जब पुष्प वर्षा करवाते हो!
उनका जाने क्या बरसता है?
🐉
हे तात!
तुम अब मौसम का हाल सुनाते हो!
उनका क्या मोशन रद्द करोगे?
🐲
हे तात!
कोरोना काल बहुत संकट की घड़ी है!
उनका क्या इम्यूनिटी चट्ट करोगे?
🐵
हे तात!
तुमने बीस लाख करोड़ पैकेज क्या दिए!
उनका शुन्ना क्यों सट्टक गए?
🐱
हे तात!
जग पुछता सवाल अपने उक्त नीपोरा से!
उनका क्या झंड करे आधार?
😀😂
✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव(हृदय वंदन)
💥💞💥💞💥💞💥💞💥💞💥💞
मदिरा आज से बिक रही है
तुम जब घंटी थाली बजवाते हो!
उनका जाने क्या बजता है?
😍
हे तात!
तुम जब दीप जलवाते हो!
उनका जाने क्या जलता है?
🐭
हे तात!
तुम जब पुष्प वर्षा करवाते हो!
उनका जाने क्या बरसता है?
🐉
हे तात!
तुम अब मौसम का हाल सुनाते हो!
उनका क्या मोशन रद्द करोगे?
🐲
हे तात!
कोरोना काल बहुत संकट की घड़ी है!
उनका क्या इम्यूनिटी चट्ट करोगे?
🐵
हे तात!
तुमने बीस लाख करोड़ पैकेज क्या दिए!
उनका शुन्ना क्यों सट्टक गए?
🐱
हे तात!
जग पुछता सवाल अपने उक्त नीपोरा से!
उनका क्या झंड करे आधार?
😀😂
✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव(हृदय वंदन)
💥💞💥💞💥💞💥💞💥💞💥💞
मदिरा आज से बिक रही है
🍷😀🍷
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मदिरा आज से बिक रही है।
घर में हैरान परेशान व बेचैन पड़े थे!
खबर ये चली मदिरा आज से बिक रही!
फिर पुछो मत कैसे तन मन में स्फूर्ति आई
सुबह नहा धोकर पैण्ट शर्ट में फौरन आए भाई!
ऐसे मौके पर घरैतिन मौन सहमति जताई!
दिमाग में शुरूर बनने लग गया था!
आँखों को स्पष्ट दिखाई देने लगा था!
शरीर का कोना कोना तिकोना
हुआ जा रहा था क्योकि😀
मदिरा आज से बिक रही है।
🍷😀🍷
✒....धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव।
💥💞💥💞💥💞💥💞💥💞💥
💥💞💥💞💥💞💥💞💥💞💥
डेंगू दिवस हव आज!
😀💥😀
😀💥😀
डेंगू दिवस हव आज!
बहुत बहुत बधाई सभे बा।
देश हव आपन दिवस मनेला!
माई बाबू सबही क मनेला!
पर्यावरण दिवस कल्हिए बीतल बा।
🐰
माई दिवस जबर मनल भिया!
फोटू चफनल सबके माई के!
सबही माई दिवस मनैलेस!
ओहू मनैलेस फोटू भेजलेस
पाॅव न छूहलेस माई के।
🐰
दूसरे के खुश करे में सबही जुटल बा
हिंया दी दी सबही करत बा!
सास ससूर जग पूजत बा!
माई बाबू के थूरत बा!
महिमा ओनहने क गावत बा।
🐰
देवतन के कलपाए के अपने!
देखा निबहुरा का पावत बा!
आपन सुख साधे सभे जीयत बा!
भूत से ओके का लेवे के बा!
पिरा केकर के सोचत बा!
🐰
संस्करवे आपन झंड हो रहील बा!
काहे के अब रोअत बा!
एही जीवन के रित भईल बा!
ऐसी जीवन कट जाई हो!
जे आईल बा जईबे करी
केकर खूँटा जबर गड़ाईल बा।
🐰
बिन बुद्धि क दिवस मनावा
भेजा सभही बधाई हो!
का मकसद हव काहे मनेला
एप्पर ध्यान न लगाई हो!
बहुत बहुत बधाई सभे बा।
हमरो बधाई ले ला लोग।
🐰
✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव(हृदय वंदन)
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