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Thursday, 23 April 2020

मनवा बा भोगी हमार.....


मनवा बा भोगी हमार....
🍁🍁
मनवा बा भोगी हमार
जोगी हम बनाई त कइसे।
सागर क रामायण देखलेस
चोपड़ा क महाभारत।
तब्बो ओकरे समझ न आईल
हम समझाई त कइसे।

मनवा बा भोगी हमार
जोगी हम बनाई त कइसे।

जे आइल बा जइबे करी
अविनासी कुछ बटल नाही
घाट और श्मशान देखलेस
रावण कंस दुर्गती देखलेस
तब्बो ससुरा भिड़ल रहेला
हम समझाई त कइसे।

मनवा बा भोगी हमार
जोगी हम बनाई त कइसे।

हरिश्चन्दर क कथा सुनलेस
सच्चाई क पाठ भी पढ़लेस
भड़कल एकदिन कह लगलेस
जब अविनासी कुच्छो नाहीं
छोड़ा चिन्ता और फिकरिया
मस्ती में जिया हो भईया।

सुनकर ओकर ई बतिया,
भौचक्का, समझाई त कइसे।
मनवा बा भोगी हमार
जोगी हम बनाई त कइसे।
🍁🍁
✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"

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