।।छोटी छोटी व गूढ़ बातें।।
💞
पारदर्शिता बनाए रखें ~
अपने आचार, विचार, व्यवहार में पारदर्शिता के लिए जो भी बोलें या करें स्पष्ट व सत्य हो।
सहनशील बनें ~
जो आस पास के वातावरण को शुद्ध करता।
मर्यादा का ध्यान रखें ~
ऐसा सर्वांगीण शब्द है जिसका पालन आचार, विचार, व्यवहार इत्यादि अनेक सभी जगहों पर किया जाना चाहिए।
कार्य सिद्ध के लिए ~
अपने कार्य में नियमित रहें निरन्तरता ही कार्य की
सफलता में आने वाले अनेक बाधाओं को दूर करती है।
बड़ों का पद व स्थान होता ~
अपने बड़ों को उनके पद के सम्बोधन के साथ नमस्कार या प्रणाम करें।
व्यक्ति छोटा हो या बड़ा ~
आदर सूचक शब्दों का इश्तेमाल करें व सम्मान करें।
मनचाहा बोलने के लिए ~
अनचाहा सुनने की ताकत भी रखनी चाहिए।
विनम्रता से बात प्रस्तुत करें ~
सामने वाला सहज स्वीकार करने के लिए विवश होता है।
जब अपनों के बीच में हो ~
तब अपनी ही आदतों व कार्यों का गुणगान करने से बचें।
बात में सार्थक हो ~
इंसान को तर्क संगत सार्थक बातों को कहने व सुनने से उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है।
आपसी संबंध रखना हो ~
तो फिर थोड़ा त्याग करें और छोटी छोटी बातों पर वाद विवाद करने से बचें।
आपसी संबंध न रखना हो ~
तो खामोश हो जाएं और तब वाद विवाद करने की जरूरत ही क्या है।
तारीफ की आदत बनाए ~
इंसान को जरूरत पर सामने वाले का तारीफ करना चाहिए जिससे गौरवान्वित होगा तब आपका भी मान बढ़ेगा।
उपेक्षा करने से बचें ~
किसी कार्य को करने व कराने के लिए अपनों की उपेक्षा कर कार्य का निष्पादन किसी दूसरे से कराने से बचें जिससे दुराव मनमुटाव की स्थिति बढ़ती है।
सकारात्मक सोच रखें ~
इंसान के विश्वास, आत्मबल व हौसला जैसी शक्तियों को जाग्रत कर उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।
नकारात्मक सोच न रखें ~
इंसान की विश्वास, आत्मबल व हौसला जैसी शक्तियों को नष्ट कर पतन का मार्ग प्रशस्त करता है।
कमियों को शेयर न करें ~
अपनी कमियों को हर किसी से शेयर न करें मान सम्मान को बाद में ठेस पहुँचाती है।
शिकायत या उलाहना न करें ~
व्यक्ति कोई हो तकलीफ या परेशानी होने पर, उसे छोड़, किसी और से शिकायत या उलाहना न करें। रिश्ते सुलझने के बजाय ऊलझ जाते हैं।
श्रेय देना न भूलें ~
सेवा कार्य के करने व करवाने के उपरान्त सामने वाले को श्रेय देना आपके लिए अवश्य श्रेयस्कर है।
❣❣
✒.....धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (एडवोकेट)
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पारदर्शिता बनाए रखें ~
अपने आचार, विचार, व्यवहार में पारदर्शिता के लिए जो भी बोलें या करें स्पष्ट व सत्य हो।
सहनशील बनें ~
जो आस पास के वातावरण को शुद्ध करता।
मर्यादा का ध्यान रखें ~
ऐसा सर्वांगीण शब्द है जिसका पालन आचार, विचार, व्यवहार इत्यादि अनेक सभी जगहों पर किया जाना चाहिए।
कार्य सिद्ध के लिए ~
अपने कार्य में नियमित रहें निरन्तरता ही कार्य की
सफलता में आने वाले अनेक बाधाओं को दूर करती है।
बड़ों का पद व स्थान होता ~
अपने बड़ों को उनके पद के सम्बोधन के साथ नमस्कार या प्रणाम करें।
व्यक्ति छोटा हो या बड़ा ~
आदर सूचक शब्दों का इश्तेमाल करें व सम्मान करें।
मनचाहा बोलने के लिए ~
अनचाहा सुनने की ताकत भी रखनी चाहिए।
विनम्रता से बात प्रस्तुत करें ~
सामने वाला सहज स्वीकार करने के लिए विवश होता है।
जब अपनों के बीच में हो ~
तब अपनी ही आदतों व कार्यों का गुणगान करने से बचें।
बात में सार्थक हो ~
इंसान को तर्क संगत सार्थक बातों को कहने व सुनने से उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है।
आपसी संबंध रखना हो ~
तो फिर थोड़ा त्याग करें और छोटी छोटी बातों पर वाद विवाद करने से बचें।
आपसी संबंध न रखना हो ~
तो खामोश हो जाएं और तब वाद विवाद करने की जरूरत ही क्या है।
तारीफ की आदत बनाए ~
इंसान को जरूरत पर सामने वाले का तारीफ करना चाहिए जिससे गौरवान्वित होगा तब आपका भी मान बढ़ेगा।
उपेक्षा करने से बचें ~
किसी कार्य को करने व कराने के लिए अपनों की उपेक्षा कर कार्य का निष्पादन किसी दूसरे से कराने से बचें जिससे दुराव मनमुटाव की स्थिति बढ़ती है।
सकारात्मक सोच रखें ~
इंसान के विश्वास, आत्मबल व हौसला जैसी शक्तियों को जाग्रत कर उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।
नकारात्मक सोच न रखें ~
इंसान की विश्वास, आत्मबल व हौसला जैसी शक्तियों को नष्ट कर पतन का मार्ग प्रशस्त करता है।
कमियों को शेयर न करें ~
अपनी कमियों को हर किसी से शेयर न करें मान सम्मान को बाद में ठेस पहुँचाती है।
शिकायत या उलाहना न करें ~
व्यक्ति कोई हो तकलीफ या परेशानी होने पर, उसे छोड़, किसी और से शिकायत या उलाहना न करें। रिश्ते सुलझने के बजाय ऊलझ जाते हैं।
श्रेय देना न भूलें ~
सेवा कार्य के करने व करवाने के उपरान्त सामने वाले को श्रेय देना आपके लिए अवश्य श्रेयस्कर है।
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✒.....धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (एडवोकेट)
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteNice 👌
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