Pages

Wednesday, 26 October 2022

शाम का मिजाज...

"संगताना दो मित्र का उनके बीच बातचीत का"
जिस पर मेरा प्रयास...!!
शाम का मिजाज...
😍
मौसम भी  आज  मौका भी है,
फुर्सत  में  आज  लम्हा भी है।
चलो  मस्ती  में  हम  खो जाएं,
तीन गिलास एक खम्भा भी है।

सांझ ढ़ले  एक मित्र भी आए, 
काजू बादाम चखना ले आए।
ऐसे तो मौज  कहां  जीवन में,
आज मस्ताना  शाम हो जाए।

दूर कहीं नहीं  और  बैैठना है,
आड़ झाड़  कहीं बैठ लेना है।
मस्ती में कहीं रोड़ा नहीं आए,
इसका ख्याल पहले करना है।
"धीर"
खम्भा= शराब की बोतल।
रोड़ा = पत्नी।
#हृदयवंदन

Sunday, 16 October 2022

झगड़ा और रगड़ा

जब साथ साथ रहना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।
जब साथ नहीं रहना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।

कुछ नहीं लेना देना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।
खुद खाना खुद पीना है,
तब बोलो झगड़ा कैसा।

अगर फिर भी झगड़ा है,
झगड़ा नहीं ये रगड़ा है।
बात बिल्कुल है पक्का,
दीमाग सनका तगड़ा है।

ससुराल मायका बहू बेटी...

ससुराल मायका बहू बेटी... 🍁🍁   ससुराल मायका बहू बेटी! दोनों जहान आबाद करती। मायके से ट्यूशन गर लिया, दुखों का जाल बिछा लेती। जहां कभ...