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Friday, 14 May 2021

प्यार ही दौलत....

🍁🍁प्यार ही दौलत....
जरुरी   यह   नहीं   होता।
मदद  दौलत से ही होता।।
दो  शब्द  प्यार  से करता।
भला सबका सही  होता।।

                   जो  रहते  सादगी  से हम।
                   रहे  हंसी  खुशी  से  हम।।
                   सही  हर  काम तब होता।
                   सुखद  राजसी  से   हम।।

जहां  में  सब  तेरा अपना।
हरेक  सपना तेरा अपना।।
तेरा संस्कार तेरा व्यवहार।
बड़ी  दौलत  तेरा अपना।।

                   समझता   है   जहाँ  अपना।
                  किये जा कर्म यहां अपना।।
                   अच्छाई  का  होता सम्मान।
                   पूरा  हर  एक  यहां सपना।।

जिन्दगी में बने  तो कर्मवीर।
सुखी जीवन तभी तो"धीर।।
🍁🍁
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"


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