ईगो खुद का शत्रु...
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ईगो का जो मान करेगा,
सिंहासन आसन देगा।
खुद का क्षति कराएगा,
अपना मान गिराएगा।
ईगो ईगो से टकराएगा,
सुखी कहाँ रह पाएगा।
इससे जो जकड़ा होगा,
बैठा अंगारों पर होगा।
ईगो से जो दुखी करेगा,
खुद ही वो ढ़ह जाएगा।
पतन कारण खुद होगा,
इंसा नहीं तो रब होगा।
आज नहीं तो कल होगा,
निश्चित व अटल होगा।
बुरा के कारण बुरा होगा,
अच्छा तो अच्छा होगा।
राम रावण जैसा होगा,
कृष्ण कंस जैसा होगा।
इंसा का शत्रु ईगो होता,
खुद को दूर सदा रखना।
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✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"
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