करे बाल काली......
😀😆
बाल में काली मोंछ पे काली।
किसे दिखाऊँ बोल घरवाली।।
तेरे शिवा नहीं कोई भाता।
जीवन सात जनमों वाला।।
सात जनम के बाद सोचना।
इधर उधर पहले न देखना।।
सबके दिल और मान रखता।
रिश्तों पर हम जान फूंकता।।
मंशा बदनाम फेरे न करता।
वचन फेरों के याद रखता।।
इसी लिए रहता हम सादा।
नहीं पोतता काला वाला।।
कुछ तो खोट जरूर दादा।
खुब पोतते जो काला वाला।।
किसे दिखाऊँ बोल घरवाली।।
तेरे शिवा नहीं कोई भाता।
जीवन सात जनमों वाला।।
सात जनम के बाद सोचना।
इधर उधर पहले न देखना।।
सबके दिल और मान रखता।
रिश्तों पर हम जान फूंकता।।
मंशा बदनाम फेरे न करता।
वचन फेरों के याद रखता।।
इसी लिए रहता हम सादा।
नहीं पोतता काला वाला।।
कुछ तो खोट जरूर दादा।
खुब पोतते जो काला वाला।।
😀😆
✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)
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