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Friday, 1 May 2020

भारत देश अपना सुदंर जहाँ।


भारत देश अपना सुदंर जहाँ!
❣❣
भारत देश अपना सुदंर जहाँ!
हर दिन रंगीन गमगीन कहाँ!
जीते मरते बटते पुरी मिठाई!
हर दिन उत्सव त्यौहार यहाँ!

अकेला अनोखा अपना देश
सात नामों से मिले पहचान
भारत, हिन्द, इण्डिया, हिन्दुस्तान,
आर्यवर्त, जम्बूद्वीप, भारतखण्ड।

खाने पिने का व्यवहार यहाँ!
करम धरम निज अच्छे करते!
सुन्दर मधुर निज संबंध रखते!
फिर नहीं कोई मोहताज यहाँ।

आने जाने की बेला के बीच!
सुख दुख अपना साथ जहाँ!
सोच से रचता खुशहाली तो
सोच से दुखहाली भी रचता।

हर कंकड़, मन भारत बसता
कोना कोना भारत है रमता
इसकी महिमा गजब निराली
पार न पाए दुश्मन हाली।

आन बान सम्मान पर इसके
दुश्मन कोई जब आँख तरेरता
क्या बच्चा क्या बढ़ा जवान
भारतवाशी योद्धा बन जाता।

हर जन की सोच बड़ी रहती
तभी तो सुख ही सुख बसता।
जीवन है सुन्दर सुख ज्यादा!
दुख से कभी न जन घबड़ाता

सुख की बेला ज्यादा आता!
दुख तो कभी कभार आता!
धीरज रखता अधीर न होता!
पकड़ के दुख को नहीं रोता।

देश का यही इतिहास रहा है
मुश्किल में सब साथ खड़ा है
दुश्मन से जब साथ लड़ा है
देश के लिए बलिदान दिया है।

आत्म संयम की नीति रखता
झट दुखों से निजात है पाता
ऐसी सनातन संस्कृति इसकी
सबका बेढ़ा पार जो करती।

जन जन देशभक्ति का जज्बा
हर जन मन में रचता बसता।
भारत देश अपना सुदंर जहाँ!
हर दिन रंगीन  गमगीन कहाँ!

भारत देश अपना सुदंर जहाँ!
जय हो जय हिन्द जय भारती।
👱👱
कविता का भाव :-
☆☆पूरे विश्व में अपना देश हर दृष्टिकोण से सबसे सुन्दर है। अपना ही ऐसा अलग देश है जिसको 7 प्रमुख नामों से जाना जाता है:- भारत, इण्डिया, हिन्दुस्तान, आर्यवर्त, जम्बूद्वीप, भारतखण्ड व हिन्द। अधिकारिक नाम तीन हैं:- भारत, इण्डिया व हिन्दुस्तान।
☆☆हिन्दुस्तान अकेला ऐसा देश है जिसे जननी की संज्ञा दिया गया और जननी की तरह पूजा जाता है। एसीलिए देश को भारत माता कह के पुकारा जाता है।

✒.....धीरेन्द्र श्रीवास्तव (हृदय वंदन)

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