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Thursday, 18 February 2021

जहां में सब तेरा अपना...



जहां में सब तेरा अपना...
💝
जरुरी   यह   नहीं   होता।
मदद दौलत  सही  होता।।

ज़ुबा  तारीफ कह  जाता।
भला  समझो  हो  जाता।।

जो  रहते  सादगी  से हम।
मिलजुल के  हंसी  खुशी।।

तभी हर काम  सच होता।
पहुँच अंजाम  तक होता।।

जहां  में  सब  तेरा अपना।
हरेक सपना  तेरा अपना।।

तेरा व्यवहार तेरा संस्कार।
कम  दौलत   नहीं  होता।।

खुद  महसूस  नहीं  होता।
कदर पारखी नज़र होता।।

करे जा कर्म  सही अपना।
पूरा  हर एक  हो  सपना।।

महसूस कर रहा है "धीर"।
जिन्दगी में बन कर्म वीर।।
💝
✒......धीरेन्द्र श्रीवास्तव "धीर"

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