Pages

Sunday, 27 December 2020

ग़ज़ल

ग़ज़ल
🍁🍁
मोहब्बत के धन्धे में, कभी  हम न टूटते।
मोहब्बत के बदले, मोहब्बत जो मिलते।।

इबादत  करते  थे, इसी  आस  पर  हम।
कभी  तो सुध लेंगे,  मेरे  हाल  पर  वो।।

इबादत  के  बदले में, मोहब्बत  जताते।
हम  साथ  तेरे  हैं, यही  प्यार से कहते।।

मतलब  के   रिश्ते,  मतलब   से  रखते।
तुम  ऐसा  न  करते, कड़े  मन  न होते।।

रिश्ते  तो  सब  हैं, पर  मोहब्बत नहीं है।
मिलते  सभी  हैं, पर  मिलते न दिल है।।
🍁🍁
✒....धीरेन्द्र श्रीवास्तव(हृदय वंदन)

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

ससुराल मायका बहू बेटी...

ससुराल मायका बहू बेटी... 🍁🍁   ससुराल मायका बहू बेटी! दोनों जहान आबाद करती। मायके से ट्यूशन गर लिया, दुखों का जाल बिछा लेती। जहां कभ...